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मूल्यों की पुन:स्थापना
ईमानदारी, नैतिक व्यवहार और सुशासन की कुंजी
यह पुस्तक भारतीयों के लिए अपने देश को एक नैतिक राष्ट्र के रूप में आकार देने के लिए आवाहन है। इस संकलन में एकत्रित किए गए लेख विभिन्न क्षेत्रों में भारत के उन प्रख्यात विचारकों और नेतृत्वकर्ताओं के द्वारा लिखे गए हैं, जिन्हें ईमानदारी के साथ जीने और कार्य करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। यह सरकार की कानूनी, विधायिका और न्यायिक शाखाओं समेत समाज के सभी क्षेत्रों में ईमानदार, नैतिक और पारदर्शी व्यवहार की अनुपस्थिति के कारणों को सामने लाती है।
ये लेख हमारे देश के संस्थानों में ईमानदारी, नैतिक व्यवहार और शासन के मानकों में वृद्धि करने के लिए कई विश्वसनीय और व्यावहारिक विचारों और तरीकों को प्रस्तुत करते हैं। इनमें से कुछ लेखों को नई दिल्ली में फाउंडेशन ऑफ़ रेस्टोरेशन ऑफ नेशनल वैल्यूज़ द्वारा नवम्बर 2008 में आयोजित दो दिवसीय सम्मलेन में प्रस्तुत किया गया था। यह संकलन केवल सम्मलेन का सार ही नहीं है, बल्कि यह भारत को एक सत्यनिष्ठ व ईमानदार राष्ट्र, एक ऐसा देश जो भ्रष्टाचार, कपट और निर्णय लेने की अक्षमता से मुक्त हो, बनाने के लिए आवश्यक पहलों का रास्ता भी प्रदान करता है।
- संदेश
- प्राक्कथन
- प्रस्तावना
- आभार
- परिचय: एक नैतिक, मूल्य आधारित समाज बनाने के लिए क्या आवश्यक है?
- सच्चाई की लौ जगाए रहना
- क़ानून लागू करने में और न्याय प्रणाली में मूल्य
- राष्ट्रीय मूल्यों को विकसित करने के लि ए संभावित समाधान
- भारत में लोक प्रशासन: नैतिक संकटों की चुनौती
- भारतीय समाज का पुनर्जन्म
- मूल्य बनाम संस्थाएं: झूठे द्विविभाजन से आगे बढ़ना
- राष्ट्रीय मूल्य संकट और इसका समाधान
- भ्रष्टाचार समाप्त करना और विवाद समाधान: सामाजिक नैतिकता के लिए आवश्यक तत्व
- संसद में संस्थागत सत्यनिष्ठा
- मूल्यों के पुनःस्थापना में नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका
- ईमानदारी को प्रचलन में लाना
- न्याय देने के लिए एक मूल्य-आधारित प्रणाली तैयार करना
- अपने मस्तिष्क और हृदय को राष्ट्रीयकृत करना
- अपनी संसंपूर्णता को याद करना
- राष्ट्रीय मूल्य: प्रशासन का आधार एवं लक्ष्य
- क़ानून लागू करने में ईमानदारी: लोगों का विश्वास पाने के लिए अनिवार्य
- मूल्यों के आधार पर एक नया राष्ट्रीय क्रम
- एक लोकतंत्र में मूल्यों की आवश्यकता
- परिवर्तन के लिए भारतीय आधार
- शासन में नैतिकता: द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग से परिप्रेक्ष्य
ई. श्रीधरन
ई. श्रीधरन, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं और अब बतौर प्रमुख सलाहकार सेवारत हैं। अपनी वर्तमान भूमिका में वे भारत के विभिन्न शहरों में आधुनिक मेट्रो परियोजनाओं के विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। वे एक तकनीक विशेषज्ञ हैं, जिन्हें कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो परियोजनाओं को बजट के भीतर और समयसीमा से पहले पूरा करने के ... अधिक पढ़ें
भरत वख्लू
भरत वख्लू ट्रांसफॉर्मेशनल थॉट-नेतृत्वकर्ता, नवप्रवर्तनशील तथा नैतिक मूल्य सर्जक, एक नेतृत्व परामर्शदाता, प्रमुख वक्ता और लेखक हैं। कॉर्पोरेट सेक्टर में लगभग 35 वर्षों के अपने करियर में कई उपक्रमों का रूपांतरण किया, मुश्किल बिजनेस समस्याओं का रचनात्मक समाधान प्रदान किया, साझेदारों को बेहतरीन और स्थायी मूल्य प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों के दल का ने ... अधिक पढ़ें
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